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मीरजापुर में दर्दनाक हादसा
मीरजापुर के संतनगर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हुआ है, जिसमें एक युवक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। मृतक युवक की शादी नौ दिन पूर्व ही हुई थी और वह शादी के बाद पत्नी से मिलने के लिए बाइक से ससुराल जा रहा था।
पत्नी के हाथों की मेहंदी भी नहीं छूटी
युवक की मौत से पूरे परिवार में कोहराम मच गया है। पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी के हाथों की मेहंदी भी नहीं छूटी है और पति की मौत की खबर सुनकर वह सदमे में है।
हादसा ककरद गांव के सामने हुआ
हादसा संतनगर थाना क्षेत्र के ककरद गांव के सामने हुआ, जब युवक अपनी बाइक से ससुराल जा रहा था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
परिवार में शोक की लहर
युवक की मौत से परिवार में शोक की लहर है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों ने भी इस हादसे पर दुख जताया है और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
................ विंध्यवासिनी मंदिर में चोरों का आतंक विंध्याचल मां विंध्यवासिनी मंदिर में श्रद्धालु के साथ चोरी घर जाने के लिए नहीं बचे पैसे पुलिस के दावे फेल AI कैमरा पूरी तरह निष्क्रिय साबित होता हुआ अराजक तत्वों को देखते ही अलार्म जैसे कोई सिग्नल नहीं या है तो पुलिस कहा है। मां विंध्यवासिनी मंदिर में भक्त के साथ चोरी पर्स घर जाने के लिए पैसे भी नहीं बचे श्रद्धालु के पास मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर में चोरों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। मां के भक्तों के साथ चोरी की घटनाएं हो रही हैं, जिसमें पर्स और मोबाइल चोरी के मामले सामने आ रहे हैं। हैरानी की बात है कि मंदिर में लगे AI कैमरे, जो अराजक तत्वों को देखते ही अलार्म जैसे सिग्नल देने का दावा करते थे, पूरी तरह निष्क्रिय साबित हो रहे हैं। भक्तों की सुरक्षा व्यवस्था में फेल हुई पुलिस मीरजापुर पुलिस अधीक्षक महोदय के दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं। विंध्याचल धाम चौकी प्रभारी अराजक तत्वों पर लगाम लगाने में पूरी तरह निष्क्रिय साबित हो रहे हैं। एक मामला सामने आया है जिसमें एक भक्त का पर्स चोरी हो गया, जिसमें पैसे थे और अब उनके पास घर जाने के लिए पैसे नहीं हैं। मां के भक्तों का पुलिस अधीक्षक से कार्रवाई की मांग भक्तों ने पुलिस से मांग की है कि मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए और चोरों को पकड़ने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, AI कैमरों को और भी बेहतर से ठीक किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
................. कांग्रेस छोड़ने के बाद देशभक्त बने गुलाम नबी आजाद। तबीयत खराब थी फिर भी ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए मुस्लिम देशों की यात्रा पर गए। ================= जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री रहे गुलाम नबी आजाद उस प्रतिनिधि मंडल में शामिल है जो ऑपरेशन सिंदूर में भारत का पक्ष रखने के लिए इन दिनों तीन मुस्लिम देश कुवैत, कतर और बहरीन की यात्रा पर है। कुवैत पहुंचने पर 27 मई को आजाद की तबीयत अचानक खराब हो गई। उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। प्राथमिक इलाज के बाद आजाद की तबीयत ठीक है। स्वस्थ होने पर आजाद ने ईश्वर का आभार जताया है। प्रतिनिधि मंडल में शामिल भाजपा सांसद बैदीयंत जय पांडा और निखिल कांत दुबे ने बताया कि दिल्ली से रवाना होते वक्त ही गुलाम नबी की तबीयत खराब थी। तब उन्हें दिल्ली में ही आराम करने की सलाह दी गई, उन्हें यह भी बताया गया कि कुवैत, कतर बहरीन में मई जून के माह में भारत से भी ज्यादा गर्मी पड़ती है। लेकिन देशभक्ति के जज्बे के कारण गर्मी की परवाह किए बगैर आजाद मुस्लिम देशों की यात्रा पर रवाना हो गए। आजाद का कहना रहा पाकिस्तान के आतंकवाद को बेनकाब करने के लिए मुस्लिम देशों में उनका जाना जरूरी है। जब देश को उनकी जरूरत है, तब वे पीछे नहीं रह सकते। आजाद ने चिकित्सकों की सलाह से ज्यादा देशभक्ति को तवज्जो दी। भाजपा सांसदों ने माना कि आजाद की उपस्थिति से सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल को जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे आजाद प्रभावी तरीके से भारत का पक्ष रख रहे हैं। मुस्लिम देशों के नेता भी आजाद की बातों को गंभीरता से सुन रहे हैं। इसी प्रतिनिधि मंडल में एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं। ओवैसी ने भी आजाद की देश भक्ति की प्रशंसा की है। मालूम हो कि गुलाम नबी आजाद लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं। लेकिन तब उनमें देशभक्ति का ऐसा जज्बा देखने को नहीं मिला। कांग्रेस छोड़ने के बाद से आजाद की देशभक्ति देखने को मिल रही है।
................ ब्रेकिंग न्यूज़ यूपी में लागू हुई 'राह वीर योजना', हादसे में मदद करने वालों को मिलेंगे ₹25,000 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई 'राह वीर योजना' अब उत्तर प्रदेश में लागू कर दी गई है। योजना के तहत सड़क हादसों में घायलों की मदद करने वाले नागरिकों को सरकार ₹25,000 तक की प्रोत्साहन राशि देगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे जन-भागीदारी पर आधारित सेवा और मानवता की मिसाल बताया
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